There are two types of the Kidney disease; Acute and Chronic.. we will read briefly in my next article (so wait and keep in touch with ayurvedachikitsa.com/arunbhati

In this article Ill discuss in short…let’s begin…

किसी भी व्यक्ति को Chronic Kidney Disease (CKD) हो सकता है,लेकिन कुछ विशिष्ट कारणों से इस रोग के होने का खतरा बढ़ जाता है। जैसे कि, यदि किसी को मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारी, गुर्दे की बीमारी होने, अनुवांशिक कारण, 60 वर्ष से अधिक के उम्र के लोगों में Chronic Kidney Disease होने का खतरा अधिक रहता है। कुछ विशिष्ट स्थान के लोगों जैसे अफ्रीकी, अमेरिकी या एशियाई मूल के लोगों में भी Chronic Kidney Disease का chances अधिक देखे गए हैं।

Symptoms :- अक्सर किडनी रोगों में लक्षण जब तक प्रकट नहीं होते, जब तक कि गुर्दे खराब ना हो जाए। Chronic Kidney Disease या chronic renal failure होने पर विभिन्न तरह के लक्षण जैसे खुजली, मांसपेशियों में एंटन(cramps), मितली(nausea), उल्टी(vomiting), भूख न लगना(anorexia), पैरों व टखनों में सूजन, पर्याप्त मूत्र नहीं होना(dysuria), सांस में तकलीफ, नींद ना आना(insomnia), आदि लक्षण हो सकते हैं।
जबकि acute renal/kidney failure में पेट का दर्द, पीठ दर्द(backache), दस्त(loose motion), बुखार, रक्तपित्त(epistexis), या त्वचा पर लाल चकत्ते (red spots on skin), इनमें से 1 या कई लक्षण मिल सकते हैं।
Chronic Kidney Disease की कुछ सामान्य जटिलताओं में एनीमिया, BONE diseases, cardiac problems; High level of calcium, potassium in blood होती हैं।

Stages of Chronic Kidney Disease:-

Chronic Kidney Disease की stages इस बात पर निर्भर करती है कि किडनी अपने कार्य जैसे filtration of blood तथा blood में से अतिरिक्त fluids को बाहर निकालने का कार्य कितनी दक्षता के साथ कर रहे हैं?

मधुमेह (DM) तथा उच्च रक्तचाप (Htn),Chronic Kidney Disease के सबसे सामान्य कारण हैं।

इनको कंट्रोल रखने पर, KIDNEY रोग होने की संभावनाएं कुछ कम होती हैं।

Healthy lifestyles से मधुमेह,उच्च रक्तचाप तथा Chronic Kidney Disease को रोकने या कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
इसके अतिरिक्त,

Low salt & low fat वाले आहार का सेवन करना,
वीकली 5 से 6 दिन 30 मिनट तक व्यायाम करना,
* स्मोकिंग तथा तंबाकू के सेवन नहीं करना
*avoid consumption of alcohol

इन सबसे भी Chronic Kidney Disease को रोका या control किया जा सकता है।

DIAGNOSIS:

  1. eGFR ( estimated glomerular filtration rate)( अनुमानित ग्लोमेरुल निस्पंदन दर):-

इससे इस बात का पता चलता है,कि आपकी kidneys आपके रक्त को कितनी अच्छी तरह से साफ कर रही हैं। मानव शरीर में हर समय waste products(अपशिष्ट)का उत्पादन होता रहता है। Kidney के स्वस्थ होने पर यह blood में से अपशिष्ट (waste products) को बाहर निकालते रहते हैं। Creatinine एक तरह का वेस्ट प्रोडक्ट है, यदि ब्लड में creatnine लेवल अधिक है,तो इसका यह संकेत हो सकता है, कि kidney रक्त को साफ नहीं कर पा रही है।

eGFR का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट से CREATNINE लेवल का पता लगाया जाता है।

यदि eGFR पिछले 3 माह या इससे अधिक से ही 60 से कम आता है, तो KIDNEY DISEASE का संकेत हो सकता है।

2.urine examination:-

मूत्र में protein (albumin) या blood की उपस्थिति देखने के लिए मूत्र परीक्षण किया जाता है। इनकी उपस्थिति यह इंगित करते हैं कि किडनी अच्छे से कार्य नहीं कर रही है।

3.रक्तचाप(blood pressure):-
यह पता लगाने के लिए की heart, Blood की पंपिंग सही कर रहा है, ब्लड प्रेशर की जांच की जाती है।

उच्च रक्तचाप से किडनी बीमारी हो सकती है,
इसी तरह,
किडनी की बीमारी भी उच्च रक्तचाप का कारण हो सकती है।

अधिकतर लोगों के लिए normal b.p. 120/80 mmHg होता है।

कभी कभी उच्च रक्तचाप एक संकेत देता है कि किडनी सही तरीके से कार्य नहीं कर रही है।

Treatment of Chronic Kidney Disease:-

Chronic Kidney Disease के कारण किडनी को होने वाली क्षति या हानि को ठीक नहीं किया जा सकता है, परंतु किडनी को यथासंभव लंबे समय तक स्वस्थ रखने के लिए कुछ कदम उठाए जा सकते हैं,जैसे कि:-
1. मधुमेह(diabetes) में ब्लड शुगर को कंट्रोल रखना
2.ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखना
3.Avoid salty and fatty food
4. Overweight नहीं होना
5. Strictly prohibition of Tobacco, smoking and alcohol
6. regular exercise and healthy lifestyles

Kidney disease का जल्दी diagnosis होने पर kidney failure को रोका जा सकता है।

Note:- kidney failure के पश्चात Dialysis या kidney transplantation ही अंतिम उपचार रहता है।

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